friendship

याद है हमारी पहली काग़ज़ की कश्ती,
कैसे बारिश के थपेड़ों से जूझती,
धार के उस पार लग ही गयी थी !
और उसी खेल को खेल खेल में,
हमने दे दिया था friendship का नाम !

मोहब्बत को मंज़िलें मिलें ना मिलें,
दोस्ती को रास्ता मिल ही जाता है !!




खुशकिस्मती है, दोस्ती का सिर्फ़ राह होता है, मंज़िलें नहीं !

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