मैं रुका रहा एक अरसा कढ़ी धूप में,
के छाँव बैठी रही किसी पेड़ किनारे !
मेरे ही इंतज़ार में !!
के छाँव बैठी रही किसी पेड़ किनारे !
मेरे ही इंतज़ार में !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 9 August 2015 at 12:01
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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